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पर्यावरण कार्यक्रम

इंदिरा गांधी दुनिया की अग्रिम नेताओं में से थीं, जिन्होंने पर्यावरण को हमारे अस्तित्व को बचाने का एक अनिवार्य अंग बनने से बहुत पहले ही, उसकी रक्षा की नीतियों को अपनाया था। उनकी व्यक्तिगत रुचि और पहल के कारण ही कई संरक्षण कार्यक्रम प्रारंभ हुए और हमारे वन, वन्य जीवन की रक्षा और जल और वायु प्रदूषण के साथ प्रभावी ढंग से निपटने के लिए क़ानून बनाए गए। एक स्थायी विरासत ‘प्रोजैक्ट टाइगर’ है, जिसने समाप्त होती प्रजाति की स्थिति को पलट दिया है। 14 जून, 1972 को स्टॉकहोम में संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन में उनका भाषण, पर्यावरण पर दिए गए वैश्विक भाषणों में एक निर्णायक मील का पत्थर था।